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बच्चों के लिए आरंभिक हिंदी की पढ़ाई के लिए (For Children, Starting Hindi reading)

1. बिना मात्रा के शब्द

जल, हल, मन, सच, कल, गरम, समझ, बहन, नरम

फल चख, डर मत, रथ पर चढ़, नल पर जल भर, कसरत कर, सच कह। रमन घर चल। मदन सड़क पर मत चल। पनघट पर चल।

2. अ (ा) की मात्रा का प्रयोग

जाना, सात, आम, आज, रात, माता, शाम, राम, काम

राधा माला पहन। हाथ साफ कर। खाना बनाकर खा। बाहर मत जा। आम खा। गाना गा। ताला लगा। बाजा बजा। राम बाजार गया। बाजार जाकर छाता ला।

3. इ (ि) का मात्रा का प्रयोग

दिन, तिथि, किरण, तिल, पिता, बिल, पिन, हिसाब

किशन आ। किताब उठा। दिया जला। माता पिता का कहना मान। सियार गया। शिला पर सियार था। हरिण भागा। गिन कर हिसाब लगा दिल लगाकर पढ़।

4. ई (ी) का मात्रा का प्रयोग

पीठ, सीख, तीर, नदी, झील, पीतल, पीपल, लकड़ी, रस्सी

रीछ नदी पर आ गया। तीर मत चला। मीरा आई। खीर लाई। पानी पी। बकरी ककड़ी खा गई। चरखी चला। जीभ न निकाल। शीतल पानी भर।

5. उ (ु) की मात्रा का प्रयोग

मुँह, सुमन, जुलाई, धुन, सुगंध, कुम्हार, दुलारी, बुलबुल, बुराई

दुकान पर जा। रुपया ला। कुटिया की सफाई कर। गुलाब लगा। मधुर मधुर गा। तुलसी की माला जप। शुभ काम कर। धनुष मत चला। गुड़ खा।

6. ऊ (ू) की मात्रा का प्रयोग

दूध, कूप, फूल, धूप, ऊन, चूहा, चूरण, सूरज, पूरब, खजूर,
कबूतर

कूप पर चल। झूला झूल। सूरज डूबा। धूप गई। भूल न कर। खजर खा कर आ। चूहा ऊन खा गया। कबूतर दाना खा। मीरा दूध उबाल। अमरूद मत खा।

7. ए (े) की मात्रा का प्रयोग

मेज, तेल, तेज, महेश, भेंट, रेल, बेल, बटेर, गणेश, रमेश, दिनेश, करेला, सपेरा, जलेबी

सुलेखा मेला देखने चल। रेल आ गई। देर मत कर। गणेश की पूजा कर। नदी के किनारे मत खेल। खेत पर चल। शेर आया। पेड़ पर मत चढ़।

8. ऐ (ै) की मात्रा का प्रयोग

नैना, थैला, मैला, पैर, सैनिक, पैदल, तैरना, पैसा, पैर, मैदान, तैरना, हैरान, कैलाश, बैल, दैनिक

शैलेश आ। पैदल घर जा। थैला ला। फल थैले में रख। कैलाश आया। थैला मेज पर रख। दैनिक अखबार पढ़। बैल को घास दे। हैरान मत कर। कैलाश के साथ घर जा।

9. ओ (ो) की मात्रा का प्रयोग

ढोल, तोता, तोप, कोयल, मोटर, घोड़ा, सोना, लोग, होली, ढोलक, मोहन, भोजन, टोकरी, बोतल, कोमल

शोर मत कर। देखो मोर नाचता है। कोयल की बोली सुन। मनोज देखो मोर नाच रहा है। मोहन का भाई बाजार गया। होली खेलने चल।

10. औ (ौ) की मात्रा का प्रयोग

मौज, नौका, कौआ, मौसी, दौलत, नौकर, औरत, फौज, कौड़ी, चौड़ी, गौरव,
मौसम, हथौड़ा, बिछौना, पकौड़ा

नौकर पौधा लगाता है। सीता मौसी आई है। बाजार से खिलौने लाई है। गौरव खिलौने से
खेल। गरम-गरम कचौड़ी खा। गौतम बाजार से पौधा ला।

11. अं (ं) की मात्रा का प्रयोग

शंख, हंस, रंग, संग, झंडा, लंका, पंखा, कंठ, भंग, दंड, कंधा, डंडा, अंधा,
मंद

देखो लंगूर अंगूर खा रहा है। रावण लंका का राजा था। बंदर बड़ा चंचल है। हमारा झंडा तिरंगा है। चंदन पतंग न उड़ा। गंगा जल ला। शंकर भगवान की पूजा कर।

12. अँ (ँ) की मात्रा का प्रयोग

ऊँट, दाँत, गाँव, ताँगा, पाँव, सूँड, चाँद, साँप, कुँआ, काँच, आँख, गूँज, माँद, माँग

राम दाँत साफ कर। आँख में काजल लगा। साँप बिल में घुसा। रहीम उँट ले गया। अपने गाँव चल। बाँस वाली बाँसुरी बजा। ताँगा पेड़ के पास खड़ा है। छाँव में बैठ।

13. अः (ः) की मात्रा का प्रयोग

छः, पुनः, अतः, नमः, प्रातः, जनः, फलतः, अन्तः, शनौः,
प्रायः

प्रातः जल्दी उठना चाहिए। प्रातः काल सैर करनी चाहिए। पुनः नहा धो कर पाठशाला जाना चाहिए। किसी को दुःख मत दो। राम के छः भाई बहन हैं।

14. ऋ (ृ) की मात्रा का प्रयोग

धृत, तृण, वृक्ष, ऋषि, मृग, भृगु, पृथ्वी, अमृत, कृपा, गृह,
गृहस्थ

वृक्ष लगे हैं। कृषक आया। मृग आया। मृग तृण चर रहा है। गृह बड़ा है। कृष्ण मामा के घर गया है। भगवान सभी के हृदय में रहते हैं। इनकी कृपा सब पर रहती है।

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